
आज लाखों भारतीय विद्यार्थियों का सपना है कि वे अमेरिका में पढ़ाई कर सकें। लेकिन हाल ही में US Visa नीतियों में आई कठोरता और अप्रत्याशित परिवर्तन ने भारतीय विद्यार्थियों को चिंतित कर दिया है। कई विद्यार्थियों को न सिर्फ अपनी पढ़ाई समाप्त करनी पड़ी है, बल्कि देश से बाहर निकालने का भी सामना करना पड़ा है।
इस पोस्ट में ये संकट क्या हैं, क्यों हो रहे हैं, और इसका असर भारतीय विद्यार्थियों पर क्या है?
प्रमुख मुद्दे
- भारतीय छात्रों के वीज़ा रद्द
- US Visa धोखाधड़ी की शिकायतें
- SEVIS प्रणाली में गड़बड़ियाँ
- निर्वासन या डिपोर्टेशन के बढ़ते मामले
- पढ़ाई पूरी करने की जरूरत
भारत में अमेरिका में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या
अमेरिका में हर साल हजारों भारतीय विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। 2024 की रिपोर्ट कहती है:

- अमेरिका में 2.5 लाख से अधिक भारतीय विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।
- इनमें से अधिकांश विद्यार्थी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्र से हैं।
- भारत अमेरिका में विदेशी विद्यार्थियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, पहले स्थान पर चीन है।
क्या समस्या है?
US Visa रद्द करना
हाल ही में अमेरिका में कई विद्यार्थियों के F-1 और M-1 वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं। USCIS ने कुछ छात्रों पर आरोप लगाया कि वे फर्जी विश्वविद्यालयों या संस्थाओं की मदद से वीजा प्राप्त कर रहे थे।
उदाहरणार्थ: अमेरिका में कुछ विश्वविद्यालयों पर आरोप लगाया गया था कि वे सिर्फ वीजा देने के लिए बनाए गए थे, वास्तविक शिक्षा नहीं देते थे।
SEVIS रिकॉर्ड में दोष
SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) एक सिस्टम है जो सभी विदेशी विद्यार्थियों की जानकारी को ट्रैक करता है। लेकिन तकनीकी त्रुटियों के कारण कई विद्यार्थियों को “Status Out of” घोषित किया गया।
अमेरिकी इमिग्रेशन नियमों के अनुसार, छात्र अस्तित्व से बाहर है।
विद्यार्थियों का अनुभव: पढ़ना एक सपना बन गया
छात्र अनुभव #1
मैंने लाखों रुपये खर्च कर अमेरिका में पढ़ाई की। लेकिन विश्वविद्यालय वैध नहीं था, इसलिए मेरा US Visa रद्द कर दिया गया। मैं देश को पंद्रह दिन के अंदर छोड़ने का नोटिस मिला।

छात्र अनुभव #2:
जब SEVIS में एक एरर आया, तो मुझे बताया गया कि मैं अब वैध छात्र नहीं हूँ। मैं अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाया और मेरा वीज़ा रद्द हो गया।
ऐसी समस्याएं क्यों उत्पन्न हो रही हैं?
कारण एक: फर्जी एजेंट और विश्वविद्यालय
भारत में बहुत से एजेंट छात्रों को गलत जानकारी देकर फर्जी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करा रहे हैं। ये संस्थाएं सिर्फ वीजा देने के लिए बनाई गई हैं।
कारण दो: इमिग्रेशन नियमों को कठोर करना
पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियाँ सख्त हो गई हैं। अब US Visa की जांच और प्रणाली की निगरानी पहले से अधिक कठिन है।
कारण तीन: विद्यार्थियों में कम जानकारी
कई बार छात्र अपने वीजा स्टेटस और नियमों को नहीं जानते, जिससे वे अनजाने में नियमों का उल्लंघन करते हैं।
इसका क्या असर हो सकता है?
- वीज़ा सूची: US Visa रद्द होने के बाद बहुत से छात्रों को 5 से 10 साल तक अमेरिका में प्रवेश नहीं मिलता।
- डिग्री को पूरा नहीं करना: यह पढ़ने के लिए समय, धन और मेहनत बर्बाद हो जाता है।
- डिपोर्टेशन और लीगल दंड: छात्रों को कभी-कभी तुरंत निर्वासित किया जाता है, जिससे बाद में वीज़ा पाना मुश्किल हो जाता है।
- मनोवैज्ञानिक तनाव: छात्रों को मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक कष्ट उठाना पड़ता है।
विद्यार्थियों का बचाव कैसे किया जा सकता है?
✔️ सही जानकारी प्राप्त करें
किसी भी एजेंट या कंसल्टेंसी से संपर्क करने से पहले विद्यार्थियों को अपनी खुद की खोज करनी चाहिए। यूएस दूतावास और SEVIS वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी की वैधता की जांच करें।
✔️ केवल आधिकारिक पोर्टल से आवेदन करें
अमेरिकी वीजा, SEVIS और विश्वविद्यालय के आधिकारिक पोर्टल से ही सभी प्रक्रियाएं पूरी करें।
✔️ हर समय अपडेट रहें
USCIS मेल्स, SEVIS एक्टिविटी और वीज़ा स्टेटस को नियमित रूप से देखते रहें।
✔️ न्यायिक सहायता प्राप्त करें
तुरंत एक इमिग्रेशन वकील से संपर्क करें अगर आपका US Visa रद्द होता है या आप “अनStatus” हो जाते हैं।