
Made-in-India Mobile चिप्स 2026 योजना भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है, जिसका उद्देश्य देश को तकनीकी आत्मनिर्भर बनाना है। मोबाइल, लैपटॉप, कार, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पादों के लिए जरूरी सेमीकंडक्टर अब भारत में ही बनने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।”
मोबाइल, लैपटॉप, कार, और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स के सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं सेमीकंडक्टर चिप। लेकिन आज तक, भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार, चीन, ताइवान और अमेरिका पर निर्भर है।
2025 में भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया— 2026 तक पूरी तरह से भारत में निर्मित मोबाइल चिप्स बनाने का लक्ष्य यह सिर्फ आत्मनिर्भरता नहीं चाहता, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर मार्केट में भारत का मजबूत स्थान बनाना चाहता है।
🔷 Made-in-India Mobile चिप्स 2026 योजना का उद्देश्य
1. तकनीकी स्वतंत्रता हासिल करना
सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक देश में कम से कम 30% मोबाइल चिप्स बनाया जाएगा।
2. मोबाइल उत्पादन को मजबूत करना
iPhone, Xiaomi और Samsung देश में पहले से फोन बना रहे हैं। भारत में अब चिप्स भी बनाए जाएंगे, इससे लागत कम होगी और रोजगार बढ़ेगा।
3. विश्वव्यापी प्रतिस्पर्धा में भारत का स्थान
भारत भी ताइवान की तरह सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनना चाहता है।
🔷 सरकार के उठाए गए प्रमुख कदम
1. ₹76,000 करोड़ का मिशन, सेमीकंडक्टर
भारत सरकार ने ‘Semicon India Program’ के तहत 76,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है।
2. विश्वव्यापी कंपनियों में निवेश करना
Micron, एक अमेरिकी कंपनी, ने गुजरात में एक फैक्ट्री बनाने का ऐलान किया है।
3. विदेशी डिजाइन और शोध को बढ़ावा दें
ISRO, DRDO और IIT मिलकर चिप बना रहे हैं।
4. विशिष्ट सेमीकंडक्टर क्षेत्र (SSZ) बनाना
तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक में अलग-अलग टेक्नोलॉजी पार्क बन रहे हैं।
2026 तक भारत में निर्मित मोबाइल चिप्स से मिलने वाले लाभ

1. देश में अधिक रोज़गार होगा
शिप मैन्युफैक्चरिंग से लाखों इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी नौकरियां निकलेंगी।
2. सस्ता फोन हो सकता है
लोकल चिप्स से उत्पादन की लागत कम होगी, जिससे सस्ते स्मार्टफोन बनाए जाएंगे।
3. डिजिटल भारत मिशन को बल मिलेगा
यह हर गांव में इंटरनेट और स्मार्टफोन पहुंचाने में एक बूस्टर होगा।
4. देश की सुरक्षा में स्वतंत्रता
देश की सुरक्षा तकनीकों में प्रयोग होने वाले चिप्स का उत्पादन देश में होने से साइबर सुरक्षा मजबूत होगी।
🔷 2026 तक का रोडमैप
वर्ष | लक्ष्य |
---|---|
2024 | फैक्ट्री निर्माण शुरू |
2025 | पायलट प्रोडक्शन शुरू |
2026 | पहली पूरी तरह मेड-इन-इंडिया मोबाइल चिप बाजार में उपलब्ध |
👉 कौन-सी भारतीय कंपनियां इसमें शामिल हैं?
✅ Vedanta-Foxconn: गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट
✅ Tata Electronics: तमिलनाडु में फाउंड्री स्थापित करने की योजना
✅ Sahasra Semiconductors: उत्तर प्रदेश में माइक्रोचिप पैकेजिंग यूनिट
🔷 क्या चुनौतियां हैं?
1. तकनीकी ज्ञान की कमी
चिप और फाउंड्री डिजाइन में उच्च स्तर का अनुभव आवश्यक है।
2. कम इन्फ्रास्ट्रक्चर
सुपर क्लीन रूम, पावर बैकअप और पानी की आपूर्ति जैसे अग्रणी इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है।
3. विश्वव्यापी बाजार में प्रतिस्पर्धा
भारत को ताइवान की TSMC और अमेरिका की Intel के सामने अपनी गुणवत्ता दिखानी होगी।
🔷 युवा और नवाचारों के लिए सुनहरा अवसर

सरकार अब IIT, NIT और प्राइवेट कॉलेजों में चिप डिज़ाइन कोर्सेस शुरू कर रही है। साथ ही स्थानीय डिजाइन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप्स को धन दिया जा रहा है।
🔷 वैश्विक प्रतिक्रिया
- भारत: भारत के साथ चिप एलायंस में सहयोग को बढ़ा रहा है।
- China: भारत की आत्मनिर्भर नीति से सतर्क रहें।
- जापान और ताइवान: तकनीकी मदद करने को तैयार।
Made-in-India Mobile चिप्स 2026 न केवल एक तकनीकी क्रांति की शुरुआत है, बल्कि यह भारत को वैश्विक स्तर पर एक ‘चिप पावर’ के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
हालांकि चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन सरकार की प्रतिबद्धता, कंपनियों का निवेश और युवाओं का टेक्नोलॉजी में उत्साह मिलकर इस मिशन को सफल बना सकते हैं।